Petrol Price Reduction 2024 : भारत सरकार ने पेट्रोल की कीमतों में उल्लेखनीय कमी की घोषणा की है, जिससे पेट्रोल की कीमत में 20 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती हो सकती है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में खुलासा किया कि जल्द ही देश भर के पेट्रोल पंपों पर इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल उपलब्ध होगा, जो पारंपरिक ईंधन का एक सस्ता विकल्प होगा।
यह कदम ईंधन की बढ़ती लागत से जूझ रहे उपभोक्ताओं के लिए राहत की बात है। गडकरी ने बताया कि इथेनॉल, जो मुख्य रूप से गन्ने और अन्य चीनी युक्त फसलों से बनाया जाता है, पेट्रोल की तुलना में काफी सस्ता है। इथेनॉल-मिश्रित ईंधन की शुरूआत से वाहनों को चलाने की लागत 65 रुपये प्रति लीटर तक कम हो सकती है।
अभिनव ईंधन समाधान: फ्लेक्स-फ्यूल और इथेनॉल-चालित वाहन
गडकरी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 60% इथेनॉल और 40% बिजली के संयोजन का उपयोग करने से ईंधन की लागत में और कमी आ सकती है, जिससे संभावित रूप से कीमतें 20 रुपये प्रति लीटर तक कम हो सकती हैं। इस अभिनव दृष्टिकोण का उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों को बढ़ावा देते हुए उपभोक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण बचत प्रदान करना है।
मंत्री ने यह भी घोषणा की कि टोयोटा ने गन्ने के रस से प्राप्त इथेनॉल पर चलने वाली कार लॉन्च की है। इस वाहन की ईंधन लागत मात्र 25 रुपये प्रति लीटर है। गडकरी ने आश्वासन दिया कि जल्द ही बाजार में इथेनॉल से चलने वाली और भी कारें आएंगी, जिससे महंगे पेट्रोल और डीजल विकल्पों से राहत मिलेगी।
इसके अतिरिक्त, सरकार फ्लेक्स-फ्यूल की शुरुआत कर रही है, जो एक वैकल्पिक ईंधन है जिसमें पेट्रोल को इथेनॉल या मेथनॉल के साथ मिलाया जाता है। इस पहल का उद्देश्य पेट्रोल की खपत को कम करना और अधिक किफायती ईंधन विकल्प प्रदान करना है। गडकरी ने कहा कि फ्लेक्स इंजन कम लागत पर बनाए जाते हैं, जिससे कार की कीमतें कम हो सकती हैं, ईंधन की लागत 25 रुपये प्रति लीटर के आसपास रहती है।
टिकाऊ ईंधन के लिए सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्य
केंद्र सरकार ने 2030 तक पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिलाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इस कदम से पेट्रोल और डीज़ल पर देश की निर्भरता में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है। इसके अलावा, सरकार ने मानक ईंधन के इस्तेमाल को मंज़ूरी दे दी है, जिससे तेल कंपनियों को सीधे इथेनॉल बेचने की अनुमति मिल गई है, जिसका इस्तेमाल पेट्रोल की तरह ही किया जा सकता है।
इस रणनीतिक बदलाव से न केवल ईंधन की कीमतें कम होंगी, बल्कि पर्यावरण को भी लाभ होगा। इथेनॉल से चलने वाली कारों के आने से महंगे पारंपरिक ईंधन से राहत मिलने और देश में वैकल्पिक ईंधन के इस्तेमाल में वृद्धि होने की उम्मीद है।
जैसे-जैसे भारत अधिक टिकाऊ और लागत प्रभावी ईंधन विकल्पों की ओर बढ़ रहा है, ये पहल आर्थिक और पर्यावरणीय दोनों चिंताओं को दूर करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। इथेनॉल मिश्रण, फ्लेक्स-फ्यूल तकनीक और वैकल्पिक ईंधन वाहनों को बढ़ावा देने के साथ सरकार का बहुआयामी दृष्टिकोण भारतीय उपभोक्ताओं के लिए अधिक टिकाऊ और किफायती परिवहन परिदृश्य बनाने का लक्ष्य रखता है।