Mukhyamantri Seekho Kamao Scheme 2024 : मध्य प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना को फिर से शुरू किया है, जिसका उद्देश्य राज्य के बेरोजगार युवाओं को मुफ्त प्रशिक्षण और मासिक वजीफा प्रदान करना है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मूल रूप से 2023 में शुरू की गई इस पहल को वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्य प्रदेश में शिक्षित युवाओं के बीच बेरोजगारी के मुद्दे को संबोधित करने के लिए पुनर्जीवित किया है।
योजना अवलोकन और लाभ
मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के तहत पात्र उम्मीदवारों को विभिन्न क्षेत्रों में निःशुल्क प्रशिक्षण और मासिक वजीफा मिलेगा। वजीफे की राशि उम्मीदवार की शैक्षणिक योग्यता के आधार पर अलग-अलग होती है:
- 12वीं पास प्रशिक्षु: ₹8,000 प्रति माह
- आईटीआई पास युवा: ₹9,000 प्रति माह
- स्नातक या उच्च डिग्री धारक: ₹10,000 प्रति माह
इस योजना का लक्ष्य पहले चरण में 1 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करना है, जिसमें 46 क्षेत्रों में 700 से अधिक पाठ्यक्रम पेश किए जाएंगे। यह व्यापक दृष्टिकोण युवाओं के कौशल को बढ़ाने और नौकरी के बाजार में उनकी रोजगार क्षमता में सुधार करने के लिए बनाया गया है।
पात्रता मानदंड और आवेदन प्रक्रिया
मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के लिए पात्र होने के लिए आवेदकों को निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना होगा:
- आयु 18 से 29 वर्ष के बीच
- मध्य प्रदेश का निवासी
- न्यूनतम योग्यता 12वीं पास
- समग्र पोर्टल पर आधार ईकेवाईसी सत्यापन
आवेदन प्रक्रिया में आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण करना, समग्र आईडी के माध्यम से व्यक्तिगत विवरण सत्यापित करना और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करना शामिल है। आवेदकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि मासिक वजीफा प्राप्त करने के लिए उनके बैंक खाते आधार से जुड़े हों और डीबीटी सक्षम हों।
प्रभाव और भविष्य की संभावनाएं
अपनी शुरुआत से ही इस योजना ने कंपनियों और युवाओं दोनों से महत्वपूर्ण रुचि प्राप्त की है। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार:
- इस योजना में 16,537 कंपनियां पंजीकृत हैं
- 69,334 पद प्रकाशित किये गये हैं
- कार्यक्रम से लाभ उठाने के लिए 8 लाख से अधिक युवाओं ने पंजीकरण कराया है
यह जबरदस्त प्रतिक्रिया इस योजना की मध्य प्रदेश में युवाओं के रोज़गार पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने की क्षमता को दर्शाती है। प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता दोनों प्रदान करके, मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना का उद्देश्य विभिन्न उद्योगों की मांगों को पूरा करने के लिए तैयार कुशल कार्यबल तैयार करना है।
जैसे-जैसे यह कार्यक्रम आगे बढ़ेगा, उम्मीद है कि यह राज्य में शिक्षित युवाओं के बीच बेरोजगारी दर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस पहल की सफलता संभावित रूप से युवा रोजगार और कौशल विकास में समान चुनौतियों का सामना कर रहे अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल के रूप में काम कर सकती है।