Gold prices today Rates : ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बावजूद, घटनाओं के एक आश्चर्यजनक मोड़ में सोने की कीमतें गिर रही हैं। आमतौर पर, भू-राजनीतिक अशांति निवेशकों को सोने जैसी सुरक्षित-संपत्तियों की ओर ले जाती है, जिससे कीमतों में उछाल आता है। हालाँकि, वर्तमान परिदृश्य एक अलग तस्वीर पेश करता है, जिससे कई बाजार पर्यवेक्षक हैरान हैं।
मध्य पूर्व संघर्ष पर वैश्विक बाज़ार की प्रतिक्रिया
ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष के बढ़ने के साथ ही वैश्विक शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी गई है। बीएसई सेंसेक्स में करीब 1,800 अंकों की गिरावट आई, जबकि एनएसई निफ्टी इंडेक्स में करीब 550 अंकों की गिरावट आई। ये तेज गिरावट दुनिया भर के निवेशकों में बढ़ती चिंता को दर्शाती है। उम्मीदों के विपरीत, सुरक्षा के लिए इस पलायन से सोने की कीमतों को कोई फायदा नहीं हुआ है।
सोने की कीमतों में अप्रत्याशित गिरावट
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर दिसंबर डिलीवरी के लिए सोने का वायदा भाव 400 रुपये की गिरावट के साथ 75,990 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। मौजूदा भू-राजनीतिक माहौल को देखते हुए यह गिरावट कई लोगों के लिए आश्चर्य की बात है। हालांकि, घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी हुई। इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के अनुसार, 24 कैरेट सोने की कीमत 3 अक्टूबर को 75,760 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई, जो 1 अक्टूबर को 75,515 रुपये थी।
सोने की कीमतों को प्रभावित करने वाले कारक
सोने की कीमतों के अप्रत्याशित व्यवहार के लिए कई कारक जिम्मेदार हो सकते हैं। सितंबर में सोने की कीमतों में उल्लेखनीय उछाल आया था। हालांकि, इस साल की शुरुआत में जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024 में सोने और चांदी पर सीमा शुल्क में कटौती की घोषणा की थी, तो कीमतें गिरकर लगभग 67,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई थीं। सोने पर सीमा शुल्क 15% से घटाकर 6% कर दिया गया, जिससे कीमतों में भारी गिरावट आई।
मध्य पूर्व में स्थिति लगातार बदल रही है, इसलिए निवेशक और बाजार विश्लेषक सोने की कीमतों पर कड़ी नज़र रखेंगे। भू-राजनीतिक तनाव और सोने की कीमतों के बीच पारंपरिक संबंध में बदलाव होता दिख रहा है, जो अनिश्चित समय में वैश्विक वित्तीय बाजारों की जटिलता को उजागर करता है।