Solar Rooftop Subsidy Yojana 2024 : भारत सरकार ने पूरे देश में स्वच्छ ऊर्जा अपनाने को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री सूर्याघर मुफ्त बिजली योजना (सोलर रूफटॉप सब्सिडी योजना) नामक एक महत्वाकांक्षी सौर पहल शुरू की है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य 10 मिलियन घरों में छत पर सौर पैनल लगाना है, जिससे अधिक से अधिक नागरिकों को सौर ऊर्जा सुलभ बनाने के लिए पर्याप्त सब्सिडी दी जा सके।
सब्सिडी संरचना और लाभ
इस योजना के तहत, घर के मालिक सोलर सिस्टम की क्षमता के आधार पर महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं। 3 किलोवाट तक की स्थापना के लिए, लाभार्थियों को 40% तक की सब्सिडी मिल सकती है (कुछ मामलों में अधिकतम 50%)। 3-10 किलोवाट के बीच के सिस्टम को 20% सब्सिडी मिलती है, और 10 किलोवाट से ऊपर की स्थापना (500 किलोवाट तक) 20% सब्सिडी के लिए पात्र हैं। उदाहरण के लिए, लगभग ₹1,50,000 की लागत वाली 3 किलोवाट की प्रणाली को ₹60,000 तक की सब्सिडी मिल सकती है।
इसके लाभ वित्तीय बचत से कहीं आगे तक फैले हुए हैं। परिवार अपने बिजली के बिलों को 30-50% तक कम कर सकते हैं, दिन के उजाले के दौरान मुफ़्त बिजली का आनंद ले सकते हैं और पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे सकते हैं। सौर पैनलों का जीवनकाल लगभग 25 वर्ष है, जो उन्हें टिकाऊ ऊर्जा में दीर्घकालिक निवेश बनाता है।
पात्रता एवं आवेदन प्रक्रिया
जिन भारतीय नागरिकों के पास अपना घर या किराए की संपत्ति है (मालिक की अनुमति से) वे इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदकों के पास पहले से बिजली कनेक्शन और पैनल लगाने के लिए उपयुक्त छत होनी चाहिए। आधिकारिक पोर्टल pmsuryaghar.gov.in के माध्यम से आवेदन प्रक्रिया सरल है, जिसके लिए निम्न बुनियादी दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- बिजली बिल
- निवास प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक की प्रति
- छत की तस्वीरें
स्थापना लागत और निवेश पर प्रतिफल
सिस्टम की क्षमता के आधार पर इंस्टॉलेशन लागत अलग-अलग होती है। 1 किलोवाट सिस्टम की लागत ₹45,000-60,000 के बीच होती है, जबकि 3 किलोवाट सिस्टम की लागत ₹1,35,000-1,80,000 के बीच होती है। सरकारी सब्सिडी को ध्यान में रखने के बाद, वास्तविक लागत काफी कम हो जाती है। निवेश आमतौर पर कुछ वर्षों के भीतर कम बिजली बिलों के माध्यम से खुद ही भुगतान कर देता है।
यह पहल भारत के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, साथ ही नागरिकों को बढ़ती बिजली लागत का एक व्यावहारिक समाधान भी प्रदान करती है। इस योजना में भाग लेने से, परिवार न केवल दीर्घकालिक ऊर्जा बचत सुनिश्चित करते हैं, बल्कि भारत के लिए अधिक टिकाऊ भविष्य के निर्माण में भी योगदान देते हैं। सरकारी सहायता और दीर्घकालिक लाभों का संयोजन स्वच्छ ऊर्जा में बदलाव की तलाश कर रहे घर के मालिकों के लिए इसे एक आकर्षक अवसर बनाता है।